बीते दिनों की, आज याद आयी..
तेरे साथ की, वह बात याद आयी..
दर्द की परछाई, जो अभी साथ चलती है
बारिश बन आखों से, बेपन्हा बह गयी |
तेरे साथ बीती, वह रात याद आयी
राते भर की, वह बाते याद आयी,
राते भर की, वह बाते याद आयी,
कागज के पन्नों पे लिखी, वह कविता आज भी छुपायी है
महक उन् लम्हों की, मेरे हाथों में यूँ रह गयी |
तुम गाते थे, उन गीतों की याद आयी
मीठी सी, वह मुस्कान याद आयी
नज़रे मेरी, अभी तुम्हे ढूंढ रही है..
जाने कितनी बरसते बस यूंही बीत गयी !!!..
Nice Snehal😊😊
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